अगर दुकानदार सामान लौटाने से करे मना तो अब आप कर सकते है शिकायत
अगर खरीदा गया सामान बाद में खराब हो जाता है और दुकानदार उसे वापस लेने से इनकार करता है आप कुछ भी करके दुकानदार को जेल भेज सकते हैं। नए कानून में जुर्माना और जेल का प्रावधान है, लेकिन आपको दुकानदार की शिकायत खुद करनी होगी।
हाल ही में लागू किए गए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ने उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए कड़े उपाय पेश किए हैं। इस कानून के तहत, धोखाधड़ी करने वाले व्यवसायों को गंभीर दंड का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें प्रभावित उपभोक्ताओं द्वारा उठाए गए नुकसान की सीमा के आधार पर भारी जुर्माना या कारावास भी शामिल हो सकता है। इस कानूनी ढांचे का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना और निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को बढ़ावा देना है, यह सुनिश्चित करना कि व्यवसायों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए। इसलिए, यदि आपने किसी भी प्रकार के शोषण या अनुचित व्यवहार का अनुभव किया है, तो अपने लिए न्याय पाने के लिए इन प्लेटफार्मों का उपयोग करने में संकोच न करें।
आपकी आवाज़ मायने रखती है, और निवारण की आपकी तलाश में आपका समर्थन करने के लिए मजबूत प्रणालियाँ मौजूद हैं। यदि आप खुद को ऐसी स्थिति में पाते हैं जहाँ आपको भ्रामक विज्ञापनों, घटिया उत्पाद गुणवत्ता, अपर्याप्त मात्रा या अपर्याप्त सेवाओं के कारण किसी व्यवसाय द्वारा धोखा दिया गया है, तो उचित चैनलों के माध्यम से शिकायत दर्ज करके कार्रवाई करना आवश्यक है। जिला और राज्य उपभोक्ता आयोगों के अलावा, न्याय और निवारण पाने में उपभोक्ताओं की सहायता के लिए कई अन्य प्लेटफ़ॉर्म बनाए गए हैं। उदाहरण के लिए, आप उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं, जो उपभोक्ता शिकायतों को दूर करने के लिए समर्पित है। इसके अतिरिक्त, शिकायत प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने तथा उपभोक्ताओं को अपनी समस्याएं बताने के लिए आवश्यक संसाधनों तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ई-जागृति और ई-दाखिला जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म स्थापित किए गए हैं।
पहले बाजार में गलत तरीके से व्यापार होता था, लेकिन अब कई कंपनियाँ ऑनलाइन बिक्री करने लगी हैं। हर दिन करोड़ों रुपये के खराब उत्पाद बिकते हैं। इसलिए ग्राहकों को अपने अधिकारों के बारे में जानना बहुत जरूरी है। अगर खरीदे गए सामान में कोई कमी आती है, तो दुकानदार उसे वापस लेने या बदलने से मना नहीं कर सकता।
ग्राहक के मूल अधिकार
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 ग्राहकों को कई मौलिक अधिकार प्रदान करता है, जैसे कि सुरक्षा, जानकारी, उत्पादों का चयन, शिकायतों की सुनवाई और समस्याओं का समाधान मांगने का अधिकार। इसके साथ ही, ग्राहकों को जागरूकता का अधिकार भी है। ग्राहकों को उत्पाद की मात्रा, शुद्धता, मानक मूल्य और गुणवत्ता के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है।
बिल होना बहुत जरूरी है।
नए कानून के तहत, ग्राहक अपने अनुसार उत्पाद चुन सकते हैं, धोखाधड़ी का समाधान कर सकते हैं और अगर उनकी शिकायत सही साबित होती है, तो उन्हें मुआवजा भी मिलेगा। इसके लिए ग्राहक के पास पक्का बिल होना आवश्यक है। शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है। ग्राहक या दूसरे पक्ष के रहने वाले क्षेत्र में ही शिकायत दर्ज की जा सकती है।
शिकायत पत्र में दोनों पक्षों के नाम और पते का उल्लेख होना आवश्यक है। टोल-फ्री नंबर 1915 के माध्यम से 17 भाषाओं में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। जिला और राज्य स्तर के आयोग में ई-दाखिल के जरिए ऑनलाइन समाधान की मांग की जा सकती है। राष्ट्रीय और राज्य स्तर के आयोग में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।
