क्या है अमेरिका का वो घूसखोरी कांड, जिसमे जुड़ा अडानी का नाम
अमेरिकी अदालत से धोखाधड़ी और रिश्वत देने के आरोपों के चलते गौतम अडानी को एक गंभीर झटका लगा है। अदालत ने अडानी और उनके भतीजे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। हालांकि, इसका यह अर्थ नहीं है कि अमेरिकी पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने आएगी। अडानी के पास अभी भी कई विकल्प हैं जिनसे वे गिरफ्तारी से बच सकते हैं।
सवाल: अडानी और एज्योर के अधिकारियों के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग के आरोप क्या हैं?
गौतम अडानी और अन्य पर आरोप है कि उन्होंने भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए एक अमेरिकी सूचीबद्ध कंपनी एज्योर पावर के अधिकारियों के साथ साजिश की। यह विदेशी भ्रष्टाचार प्रथाओं अधिनियम (FCPA) के तहत एक दंडनीय अपराध है।
अडानी का भविष्य क्या होगा?
अमेरिकी सरकार द्वारा रिश्वतखोरी के आरोपों के संबंध में अडानी ने अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की है, क्योंकि वे अमेरिकी अदालत में अभी तक उपस्थित नहीं हुए हैं। यदि उन्हें प्रत्यर्पित किया जाता है या वे आत्मसमर्पण करते हैं, तो उनके वकील इस मामले में याचिका को चुनौती दे सकते हैं। इसके अलावा, वे समझौते की संभावनाओं पर भी चर्चा कर सकते हैं। ट्रायल के शीघ्र शुरू होने की संभावना है। अडानी के सह-प्रतिवादियों के लिए सबूतों की चुनौती और विभिन्न ट्रायल के कारण मामले में देरी हो सकती है।
भारतीय मूल के अमेरिकी वकील रवि बत्रा ने पीटीआई से कहा, "अमेरिकी अटॉर्नी ब्रीयोन पीस को अडानी और अन्य सात आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अधिकार है।"
इसका अर्थ है कि यदि ये आरोपी अमेरिका के बाहर किसी अन्य देश में रहते हैं, तो उस देश को भी अमेरिकी कानून के अनुसार इन्हें अमेरिका को सौंपना होगा।
अमेरिका ने रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगाए हैं
अमेरिकी अभियोजकों का कहना है कि 2020 से 2024 के बीच अडानी समूह और उसकी सहायक कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संसाधनों और अमेरिका स्थित परिसंपत्ति प्रबंधक कंपनियों से 200 करोड़ डॉलर से अधिक का बैंक ऋण प्राप्त किया। डिप्टी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल लिसा मिलर ने बताया कि अडानी और उनके सहयोगियों ने अमेरिकी निवेशकों की कीमत पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के माध्यम से बड़े पैमाने पर राज्य ऊर्जा आपूर्ति अनुबंधों को हासिल करने और वित्तपोषित करने की साजिश की। अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने कहा कि आरोपियों ने एक विस्तृत साजिश रचकर हमारे वित्तीय बाजारों की अखंडता को खतरे में डालते हुए अपने लाभ के लिए प्रयास किया। भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी सहित अन्य पर अमेरिका के न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश और ओडिशा सरकार के अधिकारियों को महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए प्रभावित किया।
