झांसी अग्निकांड : जान पर खेल कर बचाई 5 मासूम बच्चों की जान, अपना बच्चा लापता

 झांसी की रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक भयानक आग लगने के कारण 10 बच्चों की जान चली गई।


झांसी की रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक भयानक आग लगने के कारण 10 बच्चों की जान चली गई। इस घटना में कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता को अभी तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।कुछ माता-पिता अपने बच्चों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए बेहद चिंतित हैं।


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जानकारी के अनुसार, अग्निकांड में घायल 16 बच्चों का इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है, जिनमें से 10 की हालत गंभीर बताई जा रही है। एक बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया है। सात बच्चों का इलाज एक प्राइवेट अस्पताल में हो रहा है, जबकि दो बच्चों को उनके परिजन ले गए हैं और एक का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।

 6 बच्चे अपनी मां के साथ वार्ड में सुरक्षित हैं, लेकिन 6 बच्चों के माता-पिता की जानकारी नहीं मिल पाई है। दुखद बात यह है कि 10 बच्चों की मौत हो चुकी है।


कुलदीप, मैंने दूसरों के बच्चों की मदद की।

कुलदीप ने कहा, "मैंने दूसरों के बच्चों को बचाने की कोशिश की, लेकिन मेरा बच्चा नहीं बच सका। बच्चों को बचाते समय मेरा हाथ भी जल गया। मेरा बच्चा अब तक नहीं मिला, और यह मेरा पहला बच्चा था। 

अधिकारी भी हमें नहीं बता रहे कि क्या हुआ या हमारा बच्चा कहां गया। हम बस उनकी जानकारी का इंतजार कर रहे हैं, कुछ तो सही जानकारी मिले।"


सीएम योगी ने किया मुआवजा का ऐलान 

सीएम योगी ने मुआवजे की घोषणा की है। उन्होंने मृत नवजात बच्चों के माता-पिता को पांच लाख रुपये और घायलों के परिवारों को 50-50 हजार रुपये की सहायता देने के आदेश दिए हैं। 

मुख्यमंत्री ने झांसी के मंडल आयुक्त और डीआईजी को 12 घंटे के भीतर इस घटना की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।


आग कैसे भड़की?

प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को इस घटना का कारण माना जा रहा है। SSP ने कहा कि आग लगने के पीछे की परिस्थितियों और लापरवाही की गहराई से जांच की जा रही है। 


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मेडिकल कॉलेज में जानकारी दी गई कि हादसे के समय 52 से 54 बच्चे NICU में भर्ती थे, जिनमें से 10 की जान चली गई है और 16 का इलाज जारी है।


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